Aaj Ka Panchang Kya Hai – आज का पंचांग (Today’s Panchang) वैदिक ज्योतिष के अनुसार हिंदू कैलेंडर यानि तिथि को दर्शाता है. शुभ और अशुभ समय की जानकारी देता है. यह विजय पंचांग में सबसे दुर्लभ विश्व पंचांग पर आधारित है, जिसका प्रयोग विशेषज्ञ ज्योतिषी सैकड़ों वर्षों से करते आ रहे हैं.
दैनिक पंचांग के माध्यम से आप शुभ कार्य तथा नया उद्यम शुरू करने के लिए सबसे उपयुक्त समय निर्धारित करने के लिए समय, तिथि और दिन के बारे में सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
सभी नकारात्मक प्रभावों और अनावश्यक परेशानियों को दूर कर सकते हैं. और अपने जीवन में परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं. तो आइए जानते हैं पंचांग के बारे में, क्या है? Aaj Ka Panchang
आज का पंचांग इन हिंदी 2024 (Today’s Panchang in Hindi 2024)
Aaj Ka Panchang – 26 जनवरी 2024 दिन शुक्रवार (26 January 2024 Day Friday)
- तिथि – प्रतिपदा – 25:22:55 तक
- पक्ष – कृष्ण
- नक्षत्र – पुष्य – 10:29:33 तक
- करण – बालव – 12:21:57 तक, कौलव – 25:22:55 तक
- योग – प्रीति – 07:41:41 तक
- विक्रमी संवत् – 2080
- मास अमांत – पौर्ष
- मास पूर्णिमांत – माघ
- दिन – शुक्रवार
- ऋतु – शिशिर
- सूर्योदय – 07:12:26
- सूर्यास्त – 17:55:07
- चंद्रमा – राशि कर्क
- राहुकाल – 11:13:27 से 12:33:47 तक (इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है)
- शुभ मुहूर्त का समय, अभिजीत मुहूर्त – 12:12:22 से 12:55:12 तक
- दिशा शूल – पश्चिम
- शक संवत – 1945 शोभकृत
हिन्दू पंचांग के माध्यम से समय तथा काल की सटीक गणना की जाती है. मुख्य रूप से पंचाग पांच अंगो से मिलकर बना है. जैसे तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण आदि. इसके अलावा यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्रमा ग्रहों की स्थिति, हिंदूमास एवं पक्ष आदि जानकारियों से परिचित कराये हैं.
दिन एवं तारीख के अनुसार क्या खास है?
दिन आज शुक्रवार तारीख 26 जनवरी 2024
खास – पंचांग के अनुसार शुक्रवार छठा दिन है. इस दिन देवी अधिशक्ति की पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. साथ ही शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी जी का व्रत तथा पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. इस दिन को समाजिक कार्य करने में प्रसिद्धि मिलती है और नए दोस्त बनाने के लिए यह दिन अच्छा माना जाता है.
दैनिक पंचांग के मुख्य अंग (Main Parts of Daily Calendar)
आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) हमारे दैनिक कार्यों में बहुत सहायक सिद्ध हो सकता है. क्योंकि हम यह ज्ञात तो कर ही लेते है, कि कौन से महत्वपूर्ण कार्य के लिए या सही निर्णय लेना शुभ साबित होगा. पंचांग के अनुसार दिन की शुरुआत योजना बनाकर की जा सकती है.
यदि पंचांग के अनुसार हमारे ग्रहों की दशा और दिशा शुभ संकेत नहीं दे रही है, तो हम कुछ समय के लिए अपना काम रोक सकते हैं. क्योंकि बिना लापरवाही के महत्वपूर्ण कार्यों को आसानी से निपटाया जा सकता है.
इसलिए ऋषि मुनी कह गए है, की समय बड़ा बलवान होता है, यानी कहने का तात्पर्य यह है, की अगर समय सही हो तो हम किसी भी काम को सफलतापूर्वक पूरा कर सकते हैं.
अगर समय ही गलत है, तो हम कोई भी काम पूरा नहीं कर सकते हैं और हम समय के अनुसार सतर्क रह सकते हैं, तो आइए जानते हैं पंचांग के मुख्य अंगों के बारे में, जो निम्नलिखित हैं.
- तिथि
- नक्षत्र
- वार
- योग
- करण
आपको बता दें कि तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण दैनिक पंचाग के प्रमुख पांच अंग होते हैं.
तिथि
हिंदू कैलेंडर या पंचांग के अनुसार चंद्रमा को सूर्य रेखा से 12 डिग्री ऊपर जाने में लगने वाला समय तिथि कहलाता है. आपको बता दे की एक महीने में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं. शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहा जाता है.
तिथियों के नाम – प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा.
नक्षत्र
आकाश में तारों के समूह को नक्षत्र कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नक्षत्रों की संख्या 27 मानी गई है. हिंदू महीनों के नाम उस नक्षत्र के नाम पर रखे गए हैं जिसमें पूर्णिमा के दिन चंद्रमा होता है.
27 नक्षत्रों के नाम (Names of 27 Constellations) – अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र आदि.
वार
आपको बता दें कि एक सप्ताह में सात वार होते हैं और इन सात वारों के नाम ग्रहों के नाम पर रखे गए हैं. जो इस प्रकार है –
- सोमवार (Monday)
- मंगलवार (Tuesday)
- बुधवार (Wednesday)
- गुरुवार (Thursday)
- शुक्रवार (Friday)
- शनिवार (Saturday)
- रविवार (Sunday)
योग
सूर्य और चंद्रमा की विशेष दूरियों की स्थिति योग कहलाती है. ऐसा माना जाता है कि अलग-अलग पंचाग और अलग-अलग ज्योतिष प्रणालियों में भी योगों की संख्या अलग-अलग मानी गई है. लेकिन कुछ मामलों में यह संख्या 300 से भी ज्यादा होती है. लेकिन मुख्य रूप से इनकी संख्या 27 ही मानी जाती है.
27 योगों के नाम (Names of 27 Yogas) – विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र, वैधृति, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात और वरीयान आदि.
करन
एक तिथि में दो करन होते है. एक तिथि के पूर्वार्ध में तथाएक तिथि के उत्तरार्ध में, ऐसे कुल 11 करण होते हैं.
नाम – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न, आपको बता दे की विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए है.
पंचांग श्रवण के 5 लाभ (5 Benefits of Panchang Shravan)
1. तिथि का श्रवण करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.
2. वार के श्रवण से आयु में वृद्धि होती है.
3. नक्षत्र के श्रवण से पाप मुक्त होते है.
4. योग के श्रवण से प्रियजनों से प्रेम की प्राप्ति होती है.
5. करण के श्रवण से मनोकामनाए पूरी होती है.
अशुभ मुहूर्त का समय
- दुष्टमुहूर्त – 09:20:59 से 10:03:49 तक, 12:55:12 से 13:38:03 तक
- कुलिक – 09:20:59 से 10:03:49 तक
- कंटक – 13:38:03 से 14:20:54 तक
- कालवेला / अर्द्धयाम – 15:03:45 से 15:46:35 तक
- यमघण्ट – 16:29:26 से 17:12:17 तक
- यमगण्ड – 15:14:27 से 16:34:47 तक
- गुलिक काल – 08:32:47 से 09:53:07 तक
- राहु काल – 15:03:45 से 15:46:35 तक
पंचांग का महत्व (Importance of Panchang)
ऋषियों और वेदों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के अनुरूप होता है, तो वह सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया करता है. और उसे अपना काम सफलतापूर्वक पूरा करने में सहायक करता है.
आपको बता दें कि हिंदू दैनिक पंचांग इस सौहार्द को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके उपयोग से तिथि, योग और शुभ तथा अशुभ समय में ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है.
जिससे हम सूक्ष्म संचार के आधार पर उपयुक्त समय के बारे में जान सकें ताकि अपने समय और कार्य का अधिकतम लाभ उठा सकें.
इसके अलावा आपको बता दें कि अपना दैनिक पंचांग प्रतिदिन देखें ताकि आपको शुभ और अशुभ समय का पता चल सके और आप समय के अनुसार कोई भी नया काम शुरू कर सकें, जैसे विवाह समारोह, सामाजिक मामले, महत्वपूर्ण कार्यक्रम, उद्घाटन, नया व्यापार उपक्रम आदि.
पंचांग से संबंधित FAQs
Question – आज शुभ मुहूर्त कितने बजे है?
Answer – शुभ मुहर्त 12:12:22 से 12:55:12 तक
Question – 2024 में कौन सा पक्ष चल रहा है?
Answer – कृष्ण पक्ष चल रहा है.
Question – आज का दिन क्या है?
Answer – आज का दिन शुक्रवार
Answer – पंचांग एक दैनिक ज्योतिषीय कैलेंडर है जो ग्रहों और सूक्ष्म स्थितियों के आधार पर चंद्र दिवस के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है. इसमें पांच विशेषताएं शामिल हैं. जैसे तिथि (चंद्र दिन), वार (सप्ताह का दिन), नक्षत्र (चंद्र हवेली), योग (चंद्र-सौर दिवस) और करण (अर्ध-चंद्र दिन), इन पांच विशेषताओं के आधार पर ज्योतिषी कोई भी नया काम या हिंदू धार्मिक अनुष्ठान शुरू करने के लिए मुहूर्त या शुभ मुहूर्त निर्धारित करते हैं.
Question – आज क्या तिथि है 2024?
Answer – हिन्दू पंचांग के अनुसार आज प्रतिपदा तिथि 26 जनवरी 2024 दिन शुक्रवार है.
Question – आज का नक्षत्र कौन सा है?
Answer – पुष्य – 10:29:33 तक
Question – आज का पंचांग क्या है? (Aaj Ka Panchang)
Answer – Aaj Ka Panchang 26 जनवरी 2024 दिन शुक्रवार पौष माह कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि है.
Conclusion
दोस्तों, इस लेख में मैंने Aaj Ka Panchang Kya Hai इससे संबंधित जानकारी पेश की है, अगर आप भी प्रतिदिन आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) क्या है? यह जानना चाहते है, तो इस आर्टिकल के माध्यम से प्रतिदिन का पंचांग जान सकते है.
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो, तो इस लेख को अन्य लोगों के साथ जितना हो सकें अधिक से अधिक साझा करे. धन्यवाद.
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