Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2024 | Veerputra छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती – छत्रपति शिवाजी महाराज देश के वीर सपूत थे, जिन्हें “मराठा गौरव” के नाम से भी जाना जाता है. छत्रपति शिवाजी महाराज ने वर्ष 1674 में पश्चिमी भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी. क्योंकि उस समय भारत में मुगल साम्राज्य फैल चुका था.
इसलिए उन्होंने कई सालों तक मुगलों से लड़ाई लड़ी. और कुछ ही समय में पूरे महाराष्ट्र में मराठा साम्राज्य फिर से स्थापित हो गया. छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को एक मराठा परिवार में हुआ था. छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती भारत में हर साल उनके जन्मदिन के अवसर पर 19 फरवरी को मनाई जाती है.
इसलिए आने वाले 19 फरवरी 2024 को छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2024) भारत में हर साल उनके जन्मदिन के अवसर पर 19 फरवरी को मनाई जाएगी. इस वर्ष छत्रपति शिवाजी महाराज की 394वी जयंती होगी.
छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन परिचय (Biography of Chhatrapati Shivaji Maharaj)
- पूरा नाम – शिवाजी शहाजी राजे भोसले (Shivaji Shahaji Raje Bhosale)
- जन्म – 19 फ़रवरी 1630
- जन्म स्थान – शिवनेरी दुर्ग, पुणे
- माता-पिता – जीजाबाई, शहाजी राजे
- पत्नी – साईंबाई, सकबारबाई, पुतलाबाई, सोयाराबाई
- बेटे-बेटी – संभाजी भोसले या शम्भू जी राजे, राजाराम, दिपाबाई, सखुबाई, राजकुंवरबाई, रानुबाई, कमलाबाई, अंबिकाबाई
- मृत्यु – 3 अप्रैल 1680
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती का इतिहास
इसकी शुरुआत महात्मा जोतिराव फुले ने 1870 में पुणे में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाने के लिए की थी. महात्मा जोतिराव फुले ने कई किमी दूर रायगढ़ में शिवाजी महाराज की समाधि की खोज की थी.
बाद में स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक ने जयंती मनाने की परंपरा को आगे बढ़ाया और शिवाजी महाराज के योगदान को उजागर कर उनकी छवि को और भी लोकप्रिय बनाया.
इतना ही नहीं, उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती के माध्यम से अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन में लोगों को एक साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
इसलिए हर साल शिवाजी महाराज जयंती (Shivaji Maharaj Jayanti) को लोगों में वीरता के योगदान के लिए गर्व पैदा करने के लिए मनाया जाता है.
Chhatrapati Shivaji Maharaj Jivan
छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी किला, पुणे, महाराष्ट्र में हुआ था. शिवाजी महाराज के पिता का नाम शाहजी राजे और माता का नाम जीजाबाई था. शिवाजी को हिंदुत्व का बहुत ज्ञान था, उन्होंने जीवन भर हिंदू धर्म का पालन किया और हिंदुओं के लिए ऐसे कई कार्य किए. क्योंकि वह बहुत ही बुद्धिमान नायक थे. लेकिन उन्हें अपनी प्रजा से बहुत लगाव था.
हालाँकि, शिवाजी के पिता ने पुनर्विवाह किया और कर्नाटक चले गए. और अपने बेटे शिव और पत्नी जीजाबाई को दादा कोंडादेव के साथ छोड़ दिया, जो किले की देखभाल करते थे. इसलिए शिवाजी ने हिंदू धर्म की शिक्षा कोंडदेव से प्राप्त की और साथ ही कोंडदेव जी ने उन्हें सेना, घुड़सवारी और राजनीति का भरपूर ज्ञान दिया.
छत्रपति शिवाजी महाराज बचपन से ही बहुत बुद्धिमान और बहुत तेज दिमाग के थे, इसलिए उन्हें बचपन से जो कुछ भी सिखाया जाता था, वह दिल से सीखते रहते थे. और 12 साल की उम्र में शिवाजी बैंगलोर चले गए, जहां उन्होंने अपने भाई संभाजी और मां के साथ पढ़ाई की.
छत्रपति शिवाजी महाराज प्रारंभिक युद्ध – Chhatrapati Shivaji Maharaj Early War
छत्रपति शिवाजी महाराज ने 15 साल की उम्र में तोरणा किले पर हमला किया और प्रारंभिक युद्ध से जीत हासिल की. और धीरे-धीरे शिवाजी राजे ने कोंडाना और राजगढ़ किला जीत लिया और अपना मराठा झंडा लहराया. क्योंकि शिवाजी बहुत ही बुद्धिमान और पराक्रमी थे.
इसलिए कम उम्र में ही उनकी महान शक्ति को देखकर बीजापुर के सुल्तान ने उनके पिता शाहजी को बंदी बना लिया और बदले में कोंडाना के किले की मांग की, जब शिवाजी और संभाजी ने उन्हें किला वापस कर दिया और उनके पिता को मुक्त कर दिया.
उसके बाद शिवाजी ने पुरंदर और जवेली की हवेली में भी मराठा का झंडा फहराया. यह देखकर बीजपुर के सुल्तान बहुत क्रोधित हुवा और उसने शिवाजी से लड़ने के लिए एक बड़ी सेना के साथ अफजल खान को भेजा. और अफजल खान अपनी कूटनीति से शिवाजी को मारना चाहता था.
लेकिन शिवाजी महाराज चतुर और बुद्धिमान थे, उन्होंने अपनी चतुराई से अफजल खान को मार डाला. और उसी समय शिवाजी की सेना ने प्रतापगढ़ में बीजापुर के सुल्तान को हरा दिया. जहाँ शिवाजी की सेना को अनेक सस्त्र अस्त्र परामद हुए.
छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कुछ जानकारी
छत्रपति शिवाजी महाराज एक बहुत ही महान वीर योद्धा थे, उन्होंने अपने देश के लिए कई लड़ाइयाँ लड़ीं. इसलिए शिवाजी ने औरंगजेब जैसे शासकों और उनकी छाया में पले-बढ़े लोगों को अपना लिया था. शिवाजी की माता जीजीबाई धार्मिक स्वभाव की थीं.
इसलिए वह गुणों और तरीकों से एक नायिका महिला थी. और इसी कारण उन्होंने रामायण, महाभारत पड़कर शिवराय का पालन-पोषण किया. और दादा कोडादेव ने उन्हें हर तरह के समकालीन युद्ध में उन्हें निपुण बनाया था.
शिवबा बचपन से ही बहुत होशियार थे, इसलिए वे अपनी उम्र के बच्चों का नेता बनकर किलों के लिए लड़ने और जीतने का खेल खेलते थे. लेकिन यह खेल उसके बड़े होने के बाद काम आया और उसने दुश्मनों पर भी यही खेल करना शुरू कर दिया और दुश्मनों को हराकर किलों को जीतना शुरू कर दिया.
शिवाजी महाराज ने जैसे ही किले जितने की शुरुआत की, उनका नाम दक्षिण में गूंज उठा और इसके साथ ही शिवाजी की चर्चा आगरा, दिल्ली में भी हो रही थी. शिवाजी के बढ़ते प्रताप से भयभीत शासक भयभीत थे.
भयभीत होकर बीजापुर के शासक ने शिवाजी को मारने के लिए अपने अभिमानी सेनापति अफजल खान को चुना और अफजल खान शिवाजी को अपने भाईचारे का प्रस्ताव देकर गले लगाने के बहाने मरना चाहता था.
लेकिन हमारे शिवाजी महाराज बहुत चतुर थे, उन्होंने शेर के पंजे को गले लगाने का नाटक भी किया. शिवाजी महाराज ने अफजल खान को उसकी महल में चतुराई से मार डाला.
Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2024 | वीरपुत्र छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती
छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti) भारत में सबसे भव्य रूप में और महाराष्ट्र राज्य में छत्रपति शिवाजी के त्योहार के रूप में मनाई जाती है. इस दिन कई जगहों पर विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.
छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर कई जगहों पर शोभायात्रा निकाली जाती है. और कई तरह के फंक्शन भी आयोजित किए जाते हैं. शिवाजी महाराज के जीवन को दर्शाने वाले नाटकों का भी विभिन्न स्थानों पर आयोजन किया जाता है.
Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti सभी मराठा समुदाय और अन्य समुदाय सैन्य कौशल और साहस को श्रद्धांजलि देने में गर्व महसूस करते हैं. शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए जाते हैं और उन्हें अदम्य साहस के साथ मराठा समुदाय का प्रतीक बनने पर गर्व करते है.
दोस्तों इस लेख में मैंने Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2024 | वीरपुत्र छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती पर कुछ जानकारी साझा की है. मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी.
अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इस लेख को अपने दोस्तों तथा अन्य लोगो के साथ जितना हो सके अधिक से अधिक जरुर शेयर करे. धन्यवाद.
Leave a Reply