Collector Kaise Bane | Collector Banne Ke Liye Kya Kare – नमस्कार दोस्तों इस लेख में कलेक्टर कैसे बने? इससे जुड़ी जानकारी जानेंगे.
जैसे कि आप इसमें कलेक्टर (collector) कैसे बने? जिल्हा कलेक्टर बनने के लिए क्या करे? इसके लिए क्या योग्यता तथा आयु सीमा होनी चाहिए? साथ ही कलेक्टर बनने की प्रक्रिया क्या है? इसके लिए कौन-कौन सी परीक्षा देनी होती है. और साथ ही इसकी तैयारी कैसे की जाती है. इससे संबंधित सभी जानकारी इस लेख में बताई जा रही है.
अगर आप भी कलेक्टर (Collector) बनने कि ख्वाहिश रखते है या कलेक्टर बनकर अपना करियर बनाना चाहते है, तो यह लेख केवल आपके लिए ही लिखा जा रहा है. तो इस लेख को अंत तक पूरा पढ़े –
दोस्तों, अगर हम आज के दौर की बात करें, तो यह दौर प्रतिस्पर्धा का है. और ऐसे में अगर आप सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं, तो सरकारी नौकरी पाना इतना आसान नही है. क्यों की कॉम्पिटिशन इतना अधिक बढ़ गया है जिससे नौकरी मिल पाना मुश्खिल हो गया है.
अगर आप सरकारी नौकरी करने कि इच्छा रखते है, तो इसके लिए आपको काफी अधिक कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है. सरकारी नौकरी पाने के लिए जो उम्मीदवार कड़ी मेहनत करके कठिनाइयों का सामना करता है, वह निस्संदेह सरकारी नौकरी पा सकता है.
हालांकि कलेक्टर ऑफिसर बनना अधिकांश छात्रों का सपना होता है, लेकिन इसके बारे में पूरी जानकारी न होने तथा सही दिशा-निर्देश नहीं मिलने के कारण वे अपने सपने को पूरा नहीं कर पाते हैं.
अगर आपका भी सपना कलेक्टर बनने का है और अपने सपने को पूरा करना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए एक लक्ष्य निर्धारित करना होगा. और उस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए जुनून के साथ पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना होगा.
साथ ही अगर आप इसे गहराई से समझने की कोशिश करते हैं, और उसके अनुसार योजना बनाते हैं, तो आप निश्चित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे और अपने सपने को पूरा करने में सक्षम होंगे.
तो चलिए अधिक समय न लेते हुए आगे बढ़ते है और कलेक्टर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी से रूबरू कराते हैं. जैसे कलेक्टर (collector)कैसे बने? District collectorबनने के लिए क्या करना चाहिए? पढ़े पूरी जानकारी हिंदी में.
कलेक्टर क्या है? (What is a Collector in Hindi)
यदि हम Collector अधिकारी की बात करे, तो कलेक्टर वह है जो जिले के अंतर्गत काम करता है. और अपने जिले का फैसला करता है. हालांकि अगर कहाँ जाये तो उस जिले के मालिक को कलेक्टर कहा जाता है. और साथ ही कलेक्टर को जिले की पूरी जिम्मेदारी सौंपी हुई होती है.
इसलिए कलेक्टर को जिम्मेदारी के साथ अपने जिले में हर छोटे बड़े काम करने होते हैं. जैसे कि आपदा, प्रबंधन, सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन, ऋण वसूली, कर वसूली, भूमि का समाधान, आम लोगों की समस्या को हल करना, तथा कानून व्यवस्था बनाए रखना, साथ ही जिले की पूरी जानकारी सरकार को सूचित करना आदि. कार्य कलेक्टर को पूरी जिम्मेदारी के साथ करने होते है.
नोट:- जिला कलेक्टर (collector)का पहला पद 1772 में भारत की स्वतंत्रता से पहले वारेन हेस्टिंग्स द्वारा घोषित किया गया था.
उपरोक्त के अनुसार, आप जान ही गये होंगे कि कलेक्टर कौन होता है, तो चलिए अब आगे जान लेते हैं कि कलेक्टर (collector) बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए
Qualification
- कलेक्टर के लिए सबसे पहले आप ग्रेजुएशन पूरा करे.
- आवेदक भारतीय होना चाहिए.
- उसके बाद UPSC (Union Public Service Commission) के माध्यम से आल इंडिया सिविल सर्विस यानी (CSE) परीक्षा दे.
आयु सीमा (Age limit)
कलेक्टर परीक्षा के लिए उम्मीदवारों की विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग-अलग आयु सीमाएँ निर्धारित की गई हैं. इसके साथ ही कुछ श्रेणियों को कुछ वर्ष की छूट भी दी गई है. जो निम्नलिखित है.
- यदि आप सामान्य श्रेणी में हैं, तो आपकी न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 32 वर्ष होनी चाहिए.
- अगर आप ओबीसी श्रेणी में हैं, तो आपकी न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 32 वर्ष के साथ 3 वर्ष की छूट दी गई है.
- यदि आप एस सी / एस टी कैटेगरी में हैं, तो आपकी न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 32 वर्ष के साथ ही 5 वर्ष की छूट निर्धारित की गई है.
- General category – 21 To 32
- OBC कैटेगरी – 21 To 35
- SC / ST category – 21 To 37
- physically disabled – 21 To 42
कलेक्टर बनने के लिए कितनी बार परीक्षा दे सकते हैं –
* सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार 32 वर्ष की आयु तक 6 बार परीक्षा दे सकते हैं.
* ओबीसी कैटेगरी के अभ्यर्थी 35 साल की उम्र के 9 बार परीक्षा दे सकते हैं.
* SC / ST श्रेणी के उम्मीदवार 37 वर्ष की आयु तक जितनी बार चाहें परीक्षा दे सकते हैं.
* सामान्य कैटेगरी के विकलांग उम्मीदवार 42 वर्ष की आयु तक 9 बार परीक्षा दे सकते हैं.
कलेक्टर कैसे बने? (How to become District Collector in Hindi)
यदि आप कलेक्टर बनना चाहते हैं, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कलेक्टर की परीक्षा सभी परीक्षाओं से ज्यादा कठिन होती है. यदि आप इस परीक्षा को पास करना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है.
अगर आप कलेक्टर बनने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. और साथ ही परीक्षा कि तैयारी अच्छी तरह से कर पाते हैं, तो आप येकिनन कलेक्टर का पद पा सकते हैं. लेकिन कलेक्टर का पद पाने के लिए क्वालिफिकेशन (qualification) होना बहुत जरूरी है.
यदि आप कलेक्टर (collector) बनना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए ग्रेजुएशन पूरा करना होगा. और उसके बाद आपको UPSC के माध्यम से अखिल भारतीय सिविल सेवा (All India Civil Services exam) याने CSE परीक्षा देनी होगी. जो साल में एक बार होती है. और इसका संचालन यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (Union Public Service Commission) याने (UPSC) द्वारा कराया जाता है.
कलेक्टर के लिए, अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा (All India Civil Services Examination) कि अधिसूचना हर साल दिसंबर या जनवरी के महीने में जारी की जाती है. और इसके लिए आप फरवरी या मार्च महीने तक आवेदन कर सकते हैं.
District Collector के पद के लिए आवेदन करने के बाद, यूपीएससी के माध्यम से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा को तीन भागों में विभाजित किया गया है. जैसे Preliminary Exam, Mains Exam, Interview. यदि आप इन तीनों परीक्षाओं को अच्छे अंको के साथ उत्तीर्ण करते हैं, तो मेरिट सूची के अनुसार उम्मीदवार का चयन किया जाता है.
कलेक्टर बनने के लिए सिलेक्सन प्रोसेस (Collector Selection Process)
जैसे की मैंने उपरोक्त बताया है कि कलेक्टर के लिए यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सर्विस एग्जाम याने (CSE) परीक्षा देनी होती है. जो की ग्रेजुएशन के बाद दे सकते है. आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि यह परीक्षा ग्रेड 1 अधिकारियों की भर्ती के लिए है, तो जाहिर है कि यह परीक्षा कठिन होंगी.
यूपीएससी (UPSC) के तहत सिविल सेवा परीक्षा याने (CSE) परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है. कलेक्टर एग्जाम या फिर Collector Exam Paper इस प्रकार है –
- प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam)
- मुख्य परीक्षा (Main Exam)
- साक्षात्कार (Interview)
प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam)
कलेक्टर बनने के लिए आपको पहले चरण की प्रारंभिक परीक्षा से गुजरना होगा. इस प्रारंभिक परीक्षा में 2 पेपर होते हैं. प्रथम पेपर- आपका जनरल एबिलिटी टेस्ट (गेट) और द्वितीय – सिविल सेवा एप्टीट्यूड टेस्ट (सीसैट) का होता है. और यह दोनों पेपर ऑब्जेक्टिव टाइप के होते है. यह दोनों पेपर कुल 400 अंको के होते है. साथ ही इन दोनों पेपरों के लिए 2 – 2 घंटे का समय दिया जाता है. और यह परीक्षा विशेष रूप से जून के महीने में आयोजित की जाती है.
मुख्य परीक्षा (Main Exam)
कलेक्टर बनने के लिए जैसे ही आप प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करते है, तो आपको दूसरे चरण के मुख्य परीक्षा में उपस्थित होना होता है. हालांकि मुख्य परीक्षा प्रारंभिक परीक्षा की तुलना में कठिन है, इस मुख्य परीक्षा में आपके 9 पेपर होते हैं, जो दो भागों में विभाजित है. यह परीक्षा विशेष रूप से सितंबर या अक्टूबर के महीने में आयोजित की जाती है.
इस मुख्य परीक्षा में दोनों पेपरों को दो भागों में विभाजित किया गया है. जैसे पहला क्वालीफाइंग पेपर होता है और दूसरा मेरिट पेपर होता है. आपको बता दें कि पहले क्वालीफाइंग पेपर में आपके दो पेपर होते हैं. और इस दोनों पेपर में आपको कुल 300 -300 अंक दिए जाते हैं.
आपका दूसरा मेरिट पेपर होता है, और इस मेरिट पेपर में आपके कुल 7 पेपर होते हैं. इन सभी 7 पेपरों के लिए आपको 250-250 अंक दिए गए होते हैं. और इन 7 पेपरों के कुल मिलाकर अंक 1750 अंक होते हैं.
साक्षात्कार (Interview)
जैसे ही आप अच्छे अंकों के साथ मुख्य परीक्षा पास करते हैं, आपको साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है. जो इस परीक्षा का अंतिम चरण है. यदि उम्मीदवार इस अंतिम चरण को पास कर लेते है, तो मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के शीर्ष अंको के आधार पर उम्मीदवार को चयनित किया जाता है.
कलेक्टर बनने के लिए तैयारी कैसे करे (How to Prepare to Become a Collector)
यदि आप जिला कलेक्टर बनना चाहते हैं, तो निम्नलिखित मुद्दों का पालन करें.
* यदि आप परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं, तो सबसे पहले पढ़ाई के लिए एक समय सारणी बनाएं.
* सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए Practice Book खरीदें.
* कड़ी मेहनत और लगन के साथ कम से कम 6 या 7 घंटे शांति से अध्ययन करें.
* सामान्य ज्ञान (GK) का अधिक अध्ययन करें.
* करंट अफेयर्स पर ज्यादा ध्यान दें.
* हर दिन दैनिक समाचार पत्र पढ़ें.
* पिछले दो-तीन वर्षों के प्रश्न पत्र जमा करें और अभ्यास करते हुए प्रश्नों को हल करने का प्रयास करते रहे.
* अगर किसी सवाल का जवाब ना मिले, तो आप इंटरनेट की मदद ले सकते हैं.
* परीक्षा की तैयारी के लिए आप कोचिंग ज्वाइन कर सकते हैं.
* आत्मविश्वास के साथ पढ़ाई करें, अगर आप सकारात्मक सोच के साथ पढ़ाई करेंगे, तो आपको सफलता जरूर मिलेगी.
कलेक्टर की सैलरी (Collector Salary)
अगर कलेक्टर के वेतन की बात करें तो कलेक्टर अधिकारी का शुरुआती वेतन 56 हजार प्रति माह तक होता है. और बाद में कलेक्टर अधिकारी का वेतन 25 लाख के करीब हो जाता है. इसके साथ ही उन्हें रहने के लिए एक अच्छा बंगला और घर के कामों के लिए नौकर भी उपलब्ध कराए जाते हैं. इतना ही नहीं उन्हें आने-जाने के लिए सरकार की ओर से वाहन के साथ-साथ वाहन चालक भी उपलब्ध कराया जाता है.
निष्कर्ष
दोस्तों, इस लेख में Collector Kaise Bane | Collector Banne Ke Liye Kya Kare इससे जुड़ी जानकारी बताई है. जो इस प्रकार है –
- कलेक्टर क्या है?
- Collector बनने के लिए योग्यता
- Collector के लिए आयु सीमा
- कलेक्टर बनने के लिए कितनी बार परीक्षा दे सकते हैं
- कलेक्टर कैसे बने
- Collector बनने के लिए सिलेक्सन प्रोसेस
- कलेक्टर बनने के लिए तैयारी कैसे करे
- कलेक्टर की सैलरी (Collector Salary)
दोस्तों इस लेख में मैंने Collector Kaise Bane | Collector Banne Ke Liye Kya Kare इससे संबंधित जानकारियों से परिचित कराया है. मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी.
क्योंकि इस लेख में District collector बनने के लिए के लिए कौन सी परीक्षा देनी है? इससे संबंधित जानकारी इस लेख में पेश गई है. अगर आपको यह जानकारी कलेक्टर बनने में उपयोगी साबित हो सकती है, तो इस लेख को अपने दोस्तों तथा अन्य लोगों के साथ जितना हो सके अधिक से अधिक शेयर करें. धन्यवाद.
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