Durga Ashtami Kyu Manai Jati Hai – Durga Ashtami History, Significance, Aarti and Mantra – इस लेख में दुर्गा अष्टमी क्यों मनाई जाती है? इसके बारे में जानेगे.
दोस्तों दुर्गा अष्टमी का पर्व पूरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. दुर्गा पूजा, जिसे दुर्गोत्सव या शारदोत्सव के रूप में भी जाना जाता है, हिंदुओं का एक लोकप्रिय धार्मिक त्योहार है जो पूरे देश में और दुनिया के कुछ हिस्सों में भी मनाया जाता है.
दुर्गा अष्टमी एक विशेष त्योहार है. क्योंकि इस दिन विशेष रूप से महिलाएं उपवास रखती हैं और देवी दुर्गा की पूजा करती हैं. महिलाएं अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए व्रत कर मां दुर्गा को प्रसन्न करती हैं. इतना ही नहीं, इस दिन महिलाएं सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा करती हैं और उनसे अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगती हैं.
क्योंकि मां दुर्गा को नकारात्मक शक्तियों का काल भी कहा जाता है. इसलिए इस दिन विशेष रुप से महिलाएं देवी दुर्गा की पूजा कर सभी नकारात्मक शक्तियों से मुक्त होती है.
यदि आप भी अपने परिवार में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद चाहते हैं या फिर नकारात्मक शक्तियों से मुक्त होना चाहते हैं, तो इस दिन विशेष रूप से महिलाएं व्रत और मां दुर्गा की पूजा कर मां दुर्गा को प्रसन्न कर सभी नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति पाकर मनोकामनाए पूरी होती हैं.
तो इस लेख में हम आपको बताएंगे कि दुर्गा अष्टमी क्यों मनाई जाती है? (Durga Ashtami Kyu Manai Jati Hai), अगर आप दुर्गा अष्टमी का इतिहास, महत्व, आरती और मंत्र के बारे में जानना चाहते है, तो इस लेख के साथ अंत तक बने रहें –
दुर्गा अष्टमी क्यों मनाई जाती है? (Durga Ashtami Kyu Manai Jati Hai in Hindi)
दुर्गा अष्टमी सभी भक्तों के लिए एक बहुत ही खास और महत्वपूर्ण दिन है. क्योंकि इस दिन भक्त पूरे विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा करते हैं, तो जल्द ही मां दुर्गा प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान देती हैं.
नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व पर मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. महाअष्टमी के दिन मां गौरी की पूजा की जाती है. माँ गौरी भगवान शिव की पत्नी और भगवान गणेश की माता हैं. इस दिन विशेष रूप से कन्या पूजा की जाती है. नौ रातों का समूह यानी नवरात्र शुरू हो जाता है.
इस साल नवरात्रि 26 सितंबर यानी सोमवार को आ रही है. जिसका मां के भक्त बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार शास्त्रों में दुर्गाष्टमी का विशेष महत्व है.
इसलिए माता के सभी भक्त इस दिन मां जगदम्बा से विशेष फल प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं. और विधि के अनुसार पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम ने नौ दिनों तक समुद्र के किनारे देवी दुर्गा की पूजा की थी. जिसके वजह से भगवान राम ने लंका में प्रवेश कर रावण का वध किया था और सत्य की प्रतिमूर्ति लहराई थी.
इसलिए नौ रातों के दसवें दिन असत्य पर सत्य की जीत यानी दुष्ट रावण का वध भगवान राम के हाथों हुआ. इसलिए दसवें दिन असत्य पर सत्य की जीत के उपलक्ष्य में दशहरा मनाया जाता है.
एक समय था जब मां दुर्गा ने कैलाश छोड़ दिया और नवरात्रि के दौरान धरती पर रहने लगीं और अष्टमी के दिन मां दुर्गा की नवरात्रि अंतिम चरण में होती है. इस दिन छोटी बच्चियों को खाना खिलाया जाता है. क्योंकि नवरात्रि के आठवें दिन देवी मां महागौरी हैं. सबसे दयालु माँ महागौरी कठोर तपस्या करके महिमा प्राप्त करने के उपरांत माता महागौरी के नाम से पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुईं.
इतिहास (History)
कहा जाता है कि प्राचीन काल में एक दुष्ट और क्रूर राक्षस रहता था. जिसका नाम महासुर दुर्गमा शूर था, जो बहुत शक्तिशाली था, अपनी शक्ति के बल पर वह तीनों लोगों पर अत्याचार कर रहा था. उसकी दुष्टता के कारण, पृथ्वी, आकाश और ब्रह्मांड में हर जगह लोग उसके आतंक से बहुत डरते थे.
जिसे स्वयं स्वर्ग के राजा इंद्र और सभी देवगण दुर्गमा शूर के सामने असहाय थे, जिसके कारण सभी देवगण दुर्गमा शूर के आतंक से कैलास की ओर प्रस्थान कर गए और भगवान शिव से अनुरोध किया कि दुर्गमा शूर के आतंक से सभी को मुक्त कर दिया जाए.
सभी देवताओं के अनुरोध पर और ब्रह्मांड के लाभ के लिए, भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा ने अपनी शक्तियों के साथ मिलकर शुक्ल पक्ष अष्टमी को देवी दुर्गा को बहुत शक्तिशाली रूप से जन्म दिया. और सभी शक्तिशाली हथियार प्रदान किए.
उसके बाद ही देवी दुर्गा और दुर्गमा शूर के बीच एक भयानक युद्ध हुआ, जिसमें देवी दुर्गा ने राक्षस दुर्गमा शूर को मारकर दुर्गमा शूर के पापों को समाप्त कर दिया. देवी दुर्गा ने बुराई पर अच्छाई की जीत दिलाई और देवी दुर्गा की जय-जयकार करके पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो गईं.
दुर्गा अष्टमी का महत्व (Importance of Durga Ashtami)
अपने घर परिवार की सुख समृद्धि और जीवन को सहकुशल बनाने के लिए माता दुर्गा की उपासना करते हैं. इसलिए दुर्गा अष्टमी का महत्व आस्था और श्रद्धा से जुड़ा हुआ है.
दुर्गा अष्टमी के दिन लड़कियां, लड़के, महिलाएं, पुरुष अपने जीवन में और अपने घर परिवार के जीवन में सुख समृद्धि की कामना के लिए इस दिन लोग व्रत रखते हैं और माता दुर्गा की विधि-विधान के साथ पूजा करते हैं.
दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इसलिए भक्त इस दिन विशेष रूप से मां दुर्गा जी का व्रत करके पूजा करते हैं.
इतना ही नही व्यापार में लाभ कमाने के लिए, व्यापार में बढ़ने के लिए तथा जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए या परिवार में शांति और समृद्धि बनाए रखने के लिए, शरीर को रोगों से मुक्त करने के लिए और धन की आवाजाही बढ़ाने के लिए और दुश्मनों को नष्ट करने के लिए दुर्गा अष्टमी के दिन दुर्गा माता की पूजा की जाती है.
कन्या पूजन का महत्व
नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. भारतीय संस्कृति में लड़कियों को दुर्गा का ही रूप माना जाता है. इसलिए बिना कन्या पूजन के नवरात्रि व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है.
कन्या की पूजा करने से मां भगवती की विशेष कृपा प्राप्त होती है. क्योंकि अष्टमी और नवमी में कन्याओं की पूजा सबसे उत्तम मानी जाती है.
ऐसा माना जाता है कि देवी के रूप में लड़कियों की पूजा करने से देवी दुर्गा अपने भक्त पर बहुत प्रसन्न होती हैं. देवी पुराण के अनुसार कन्या की पूजा से मां दुर्गा जल्दी ही प्रसन्न होती हैं. इस दिन 9 कन्याओं की पूजा करने से संसार में आपकी कीर्ति बढ़ती है.
कन्या पूजन का मुहूर्त
सबसे अच्छा समय सुबह 7.37 बजे से सुबह 9.12 बजे तक रहेगा. इसके बाद सुबह 10.47 बजे से दोपहर 12.45 बजे तक कन्या पूजन किया जा सकता है.
Kanya Puja Vidhi
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके देवी मां की पूजा अर्चना करें और उसके बाद मां को हलवा, पूरी, खीर, कच्चा नारियल अर्पित करें. जब लड़कियां आपके घर आएं तो सबसे पहले शुद्ध पानी में हल्दी मिलाकर उनके पैर धो लें. इसके बाद उन्हें किसी साफ आसन पर बिठा दें.
इसके बाद उन्हें टीका लगाकर कलाई पर कलावा बांधें, फिर दुर्गा के रूप में इन कन्याओं को पूरी, चना, हलवा, नारियल आदि खिलाएं. इसके बाद उनके पैर छूकर उन्हें कपड़े, फल और दक्षिणा देकर विदा करें.
दुर्गा मंत्र (Durga Mantra)
मां दुर्गा के स्वरूपों का स्मरण करते हुए यदि निम्न मंत्रों का प्रतिदिन जाप किया जाए तो अधिकतम जीवन में मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
1. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
आह्वान मंत्र
2. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
शक्तिशाली मंत्र (Powerful Mantra)
3. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
जीवसाथी पाने के लिए दुर्गा मंत्र (पुरुष के लिए)
ॐ कात्यायनि महामाये महायेगिन्यधीश्वरि।
नन्दगोपसुते देवि पतिं मे कुरु ते नमः ॥
दुर्गा मंत्र मनचाहा वर पाने के लिए (महिलाओं के लिए)
पत्नीं मनोरामां देहि मनोववृत्तानुसारिणीम् ।
तारिणीं दुर्गसंसार-सागरस्य कुलोभ्दवाम् ।।
माँ दुर्गा की आरती (Aarti of Maa Durga)
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्.वत, हरि ब्रह्मा शिवरी।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
मांग सिंदूर विराजत, टीको जगमद को।
उज्जवल से दो नैना चन्द्रवदन नीको।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी।।
ओम जय अम्बे गौरी
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति।।
ओम जय अम्बे गौरी।
शुंभ निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटव दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
ब्रम्हाणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शव पटरानी।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
तुम ही जग की माता, तुम ही भरता।
भक्तन की दुख हरता सुख संपत्ति करता।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।
ओम जय अम्बे गौरी।
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपति पावे।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
बोलो दुर्गा मैया कि जय, बोलो शेरावाली माता कि जय
Durga Ashtami FAQs
Question – मां दुर्गा का आह्वान मंत्र कौन सा है?
Answer – ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
Question – मां दुर्गा का शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?
Answer – या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। …………………
Question – दुर्गा की पूजा करने से क्या लाभ होता है?
Answer – माता दुर्गा की पूजा अष्टमी तथा नवमी तिथि को करने से कष्ट और दुःख मिट जाते हैं साथ ही शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. यह तिथि परम कल्याणकारी, पवित्र, सुख को देने वाली और धर्म की वृद्धि करने वाली है. इस दिन अनेक प्रकार के मंत्रोंपचार से तथा विधि प्रकार पूजा करते है, तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
Question – दुर्गा चालीसा पढ़ने के क्या फायदे हैं?
Answer – नवरात्रि में दुर्गा चालीसा का पाठ करने से शत्रुओं से मुक्ति, मनोकामना पूर्ति समेत कई मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मां दुर्गा की उत्पत्ति धर्म की रक्षा और दुनिया से अंधकार को दूर करने के लिए हुई है. कहा जाता है कि शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि या किसी अन्य शुभ अवसर पर मां दुर्गा की स्तुति करने के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ करना सबसे अच्छा माना जाता है.
Question – क्या दुर्गा और पार्वती एक ही हैं?
Answer – मां दुर्गा भगवान शिव की पत्नी पार्वती का ही रूप हैं. मां दुर्गा के अवतार के संबंध में विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में कई सिद्धांत हैं. लेकिन आम धारणा है कि मां दुर्गा ने राक्षसों का संहार करने के लिए अवतार लिया था.
निष्कर्ष
दोस्तों इस लेख में Durga Ashtami Kyu Manai Jati Hai – दुर्गा अष्टमी History, Significance, Mantra and Aarti इससे जुडी जानकारी बताई है, जो इस प्रकार है –
- दुर्गा अष्टमी क्यों मनाई जाती है?
- दुर्गा अष्टमी History
- Durga Ashtami का महत्व
- कन्या पूजन का महत्व
- कन्या पूजन का मुहूर्त
- Kanya Puja Vidhi
- दुर्गा मंत्र
- माँ दुर्गा की आरती
- Durga Ashtami FAQs
दोस्तों इस लेख में Durga Ashtami Kyu Manai Jati Hai – Durga Ashtami History, Significance, Mantra and Aarti बताई है. मुझे उम्मीद है की आपको यह जानकारी पसंद आई होगी.
अगर आपको यह जानकारी Durga Ashtami Kyu Manai Jati Hai इसके बारे में जानने के लिए उपयुक्त लगती है, तो इस लेख को अपने दोस्तों तथा अन्य लोगो के साथ जितना हो सके अधिक से अधिक शेयर करे. धन्यवाद.
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