Ganesh Chaturthi Kyu Manaya Jata Hai – Why is Ganesh Chaturthi Celebrated – गणेश चतुर्थी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जो हर साल 10 दिनों तक बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है.
गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी का जन्म हुआ था, इसलिए गणेश उत्सव पूरे भारत में हर्षो उल्लास तथा जश्न के साथ मनाया जाता है. यह त्योहार गणेश चतुर्थी से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश की मूर्ति के विसर्जन तक मनाया जाता है. विसर्जन के दिन भगवान गणेश को ढोल-नगाड़े गाते और नाचते हुए जल में विसर्जित कर दिया जाता है.
उसी तरह इस साल भी भक्तों को भगवान गणेश चतुर्थी का बेसब्री से इंतजार है. लेकिन अब इंतजार की घडिया ख़त्म होने वाली है. क्योंकि आने वाले 18 सितंबर दिन सोमवार को गणेश चतुर्थी का पर्व है, जिसे पुरे भारत में लोग बड़ी धूमधाम और जश्न के साथ मनाने वाले हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान गणेश चतुर्थी का यह पर्व क्यों मनाया जाता है? और इसका महत्व क्या है? यदि नही, तो इस लेख में हम आपको बताएँगे कि गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है? तो इस लेख के साथ अंत तक बने रहें –
गणेश चतुर्थी क्या है? (What is Ganesh Chaturthi in Hindi)
Ganesh Chaturthi का त्योहार हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की स्तुति, आरती करके उनकी पूजा की जाती है.
कई जगहों पर, गणेश चतुर्थी की शुरुआत वैदिक भजनों, प्रार्थनाओं और हिंदू ग्रंथों जैसे गणेश उपनिषद से होती है. गणेश जी को मोदक चढ़ाने के बाद मोदक को प्रसाद के रूप में लोगों में बांटा जाता है. गणेश जी का उत्सव भक्तिमय वातावरण जैसा हो जाता है.
लेकिन खासकर देखा जाए तो महाराष्ट्र में इस त्योहार को सबसे ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है. जिसमें गणेश चतुर्थी के दौरान सुबह और शाम गणेश जी की आरती की जाती है और लड्डू और मोदक का भोग लगाया जाता है. और सभी भक्तों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है.
2023 में गणेश चतुर्थी कब है?
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) इस वर्ष 2023 में 18 सितंबर दिन सोमवार को मनाई जाएगी.
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गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्योहार हिंदू धर्मों के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष चतुर्थी को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि इसी दिन भगवान गणेशजी का जन्म हुआ था.
तभी से इस दिन को देखते हुए पूरे देश में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम तथा जश्न के साथ मनाया जाता है. गणेशजी शंकर और पार्वती के पुत्र हैं. जिन्हें 108 नामों से जाना जाता है. इसलिए सभी देवताओं में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है? क्योंकि इससे जुड़ी कुछ पौराणिक कथाएं भी हैं, जो आज हम इस लेख में बताने जा रहे हैं.
पौराणिक कथाओं और मान्यता के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि देवी पार्वती ने अपने शरीर से निकली मैल से गणेश की रचना की थी. जब देवी पार्वती स्नान करने गई तो देवी पार्वती ने गणेश जी को बाहर पहरा देने को कहा और कहा कि किसी को भी भीतर आने की अनुमति मत देना, जिसका पालन गणेश जी भलीभाती कर रहे थे.
जब भगवान शिव घर लौटे थे, तो गणेश जी ने उन्हें अज्ञात समझकर अंदर जाने से रोक दिया, उस समय भगवान शिव बहुत क्रोधित हुए, लेकिन शांति से शिव वहां से अपने स्थान पर लौट आए.
लेकिन उसके पश्चात सभी देवगण और गणेश के बीच भयंकर युद्ध हुआ, जिसमें सभी देवगण गणेश से हार गए. यह देखकर भगवान शंकर बहुत क्रोधित हुए और अपने क्रोध में भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से गणेश का सिर शरीर से अलग कर दिया.
जिसे देखकर माता पार्वती क्रोधित हो गईं और उन्होंने अपना उग्र रूप धारण कर लिया, जिसे देखकर सभी देवगण भयभीत हो गए और सभी देवगण माता पार्वती को शांत होने का सुझाव दे रहे थे.
लेकिन जब माता पार्वती ने गणेश को पुनर्जीवित करने के लिए कहा, तो भगवान शिव ने सभी देवताओं को जो भी पहले जीवित प्राणी मिले उसका सिर लाने का आदेश दिया, फिर एक हाथी का सिर लाया गया और गणेश के मृत शरीर को लगाया गया. उसके पश्चात भगवान शिव ने गणेश के मृत शरीर के अंदर प्राण डालकर उन्हें पुनर्जीवित किया.
सभी देवताओं ने गजानन बालक को अग्रणी होने का आशीर्वाद दिया, उसी समय ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने उस बालक को सर्वाध्याक्ष घोषित कर सर्वप्रमुख उपासक होने का वरदान दिया.
भगवान शंकर ने बालक से कहा- गिरिजानंदन विघ्नों का नाश करने में आपका नाम सर्वोपरि रहेगा. सबका उपासक बनकर मेरे सब कुलों के मुखिया बनो, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को चंद्रमा के उदय होने पर गणेश्वर का जन्म हुआ है. जो भी इस तिथि को व्रत करेंगे उनके सभी विघ्नों का नाश होगा और उसे सभी सिद्धियां प्राप्त होगी.
इसके अलावा बता दे की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी की रात चंद्रोदय के समय गणेश जी का पूजन कर व्रती चंद्रमा को अर्घ्य देकर ब्राह्मण को मिठाई खिलाएं. इसके बाद खुद मीठा खाना खाएं. क्योंकी गणेश चतुर्थी का व्रत करने वाले की मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है.
गणेश जी की कहानी (Story of Ganesh ji)
एक समय की बात है जब श्रेष्ठी के प्रारंभ में यह प्रश्न उठा कि प्रथम उपासक किसे माना जाए, तो सभी देवता इस प्रश्न को लेकर भगवान शिव के पास पहुंचे. तब भगवान महादेव ने सभी देवताओं को एक सुझाव दिया कि जो पहले इस पूरी पृथ्वी की परिक्रमा करेगा, वही प्रथम उपासक माना जाएगा. इस प्रदा की शुरुआत करते हुए सभी देवता अपने-अपने वाहनों पर विराजमान हो गए और पृथ्वी की परिक्रमा के लिए निकल पड़े.
सभी देवताओं के पास उत्कृष्ट वाहन थे, लेकिन गणेश जी के पास केवल मस्कराज यानि चूहा वाहन था जिसका शरीर स्थूल है, तो भगवान गणेश कैसे परिक्रमा कर सकते थे.
ऐसे में भगवान गणेश ने अपनी बुद्धि और चतुराई से अपने पिता भगवान शिव और माता पार्वती की परिक्रमा तीन बार पूरा किया. और अपने माता -पिता के सामने हाथ जोड़कर खडें हो गए.
यह देखकर भगवान शिव और माता पार्वती बहुत प्रसन्न हुए और भगवान शिव ने कहा कि इस पूरे संसार में आपसे अधिक बुद्धिमान कोई नहीं है. इस प्रकार माता-पिता की तीन परिक्रमा करके आपने तीनों लोकों की परिक्रमा पूरी की है. जिस कारण वे प्रथम पूज्य घोषित किये गए.
इसीलिए कहा जाता है कि जो व्यक्ति किसी भी काम को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करता है उसे किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है.
इतना ही नही प्रथम पूज्य होने से सभी देवताओं से पहले भगवान गणेशजी की पूजा की जाती है. इसके बाद अन्य देवताओं की पूजा की जाती है.
इसलिए गणेश चतुर्थी के पर्व पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है. गणेश चतुर्थी मनाने वाले सभी भक्त इस दिन स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति की आरती करते हैं और ग्यारहवें दिन अनंत चतुर्दशी को भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन करते हैं.
Ganesh Mantra
1. यदि आप गणपति जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इसके लिए नीचे दिया गया मंत्र सबसे सरल मंत्र माना गया है. यह मंत्र जितना सरल है उतना ही प्रभावी भी है.
यह मंत्र इतना प्रभावशाली है कि किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले इस मंत्र का जाप करने से आपके सारे काम बिना किसी रुकावट के पूरे हो जाएंगे.
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
2. अगर आप किसी काम के लिए बहुत मेहनत करते हैं और काम होते ही खराब हो जाता है तो आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए. अगर आप इस मंत्र का 21 बार जाप करेंगे तो यह मंत्र आपके सारे बिगड़े हुए काम पूरे कर देगा.
‘त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्’
3. अगर आपके जीवन में बहुत सी समस्याएं हैं और आप उन सभी समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको निचे दिए गए मंत्र का जाप करना चाहिए.
ॐ गं गणपतये नमः
इसके अलावा अगर आप पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं, तो आपके जीवन की समस्याओं का समाधान हो जाता है. ऐसा माना जाता है कि अगर पूजा के दौरान भगवान गणेश को उनकी पसंदीदा चीज की पेशकश की जाती है, तो वे और अधिक प्रसन्न होते हैं. इसलिए हर बुधवार को भगवान श्री गणेश की पूजा के दौरान उन्हें मोदक और दूर्वा अर्पित करने से गणपति बप्पा जल्दी प्रसन्न होते हैं.
4. कुण्डली में गृह दोष हैं तो प्रत्येक बुधवार को निम्न मंत्र का 11 बार जाप करें. ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र में भगवान गणेश के 12 नामों का जाप किया जाता है. इस मंत्र का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम
गणेश चतुर्थी पूजा विधि (Ganesh Chaturthi Puja Method)
गणेश चतुर्थी की पूजा विधि के लिए सुबह स्नान करने के बाद लाल कपड़े पहने जाते हैं. गणेश जी को लाल वस्त्र अति प्रिय हैं. इसलिए अधिकांश भक्त पूजा विधि के दौरान लाल वस्त्र धारण करते हैं. साथ ही बता दें कि पूजा के दौरान श्री गणेश जी का मुख उत्तर या पूर्व दिशा में रखा जाता है.
गणेश जी की स्थापना के बाद पंचामृत से गणेश जी का अभिषेक किया जाता है. जिसमे पंचामृत में उनका पहले दूध से, फिर दही से, घी से, शहद से और अंत में गंगा जल से अभिषेक किया जाता है.
इसके अलावा गणेश जी को रोली और कलावा का भोग लगाया जाता है. साथ ही सिंदूर भी चढ़ाया जाता है. साथ ही रिद्धि-सिद्धि के रूप में दो सुपारी और पान अर्पित की जाती हैं. फिर फल, पीले कनेर और दूब के फूल चढ़ाए जाते हैं.
उसके बाद, भगवान गणेश का पसंदीदा मोदक चढ़ाया जाता है. भोग लगाने के बाद सभी गणेश जी की आरती गाते हैं. और गणेश जी के 12 नाम और उनके मंत्रों का जाप करते ह. आरती के बाद सभी भक्तों को प्रसाद दिया जाता है. इस प्रकार गणपति बप्पा की पूजा विधि संपन्न होती है.
Ganesh Chaturthi Tithi Aur Shubh Muhurt
- तिथि — 18 सितंबर 2023 Day Monday
- इस साल गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक है.
Ganesh Chaturthi FAQs
Question – गणेश चतुर्थी 2023 में कब है?
Answer – 18 सितंबर 2023 दिन सोमवार को गणेश चतुर्थी का पर्व है.
Question – गणेश चतुर्थी कब मनाई जाती है?
Answer – गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है देखा जाए तो यह पर्व अगस्त से सितंबर के बीच आता है. यह त्योहार हिंदुओं द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार माना जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन लोग भगवान गणेश की मूर्ति को अपने घर लाते हैं और 10 दिनों तक पूजा और आरती करते हैं और 11वें दिन बड़ी धूमधाम से बैंड बाजे के साथ भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन करते हैं.
Question – गणेश उत्सव कब से मनाया जाता है?
Answer – वैसे तो गणेश उत्सव कई सालों से मनाया जा रहा है, लेकिन 1893 से पहले यह त्योहार घरों तक ही सीमित था, उस समय पंडालों में न तो सामूहिक उत्सव मनाया जाता था और न ही इस तरह से बड़े पैमाने पर मनाया जाता था. लेकिन वर्ष 1893 में बाल गंगाधर तिलक ने अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट होने के लिए बड़े पैमाने पर इस उत्सव का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और इस तरह पूरे देश में गणेश चतुर्थी मनाई जाने लगी.
Question – किस राज्य में गणेश उत्सव का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है?
Answer – महाराष्ट्र राज्य में गणेश उत्सव का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है.
Question – Ganesh Chaturthi कौन से दिन आ रही है?
Answer – 18 सितंबर 2023 दिन सोमवार को गणेश चतुर्थी आ रही है.
निष्कर्ष
दोस्तों इस लेख में Ganesh Chaturthi Kyu Manaya Jata Hai – Why is Ganesh Chaturthi Celebrated इससे जुडी जानकारी बताई है. जो इस प्रकार है –
- गणेश चतुर्थी क्या है?
- 2023 में गणेश चतुर्थी कब है?
- गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?
- गणेश जी की कहानी
- Ganesh Mantra
- गणेश चतुर्थी पूजा विधि
- Ganesh Chaturthi Tithi Aur Shubh Muhurt
- Ganesh Chaturthi FAQs
दोस्तों इस लेख में Ganesh Chaturthi Kyu Manaya Jata Hai – Why is Ganesh Chaturthi Celebrated इससे संबंधित जानकारी से अवगत कराया है. मुझे उम्मीद है की आपको यह जानकारी पसंद आई होगी.
अगर आपको यह जानकारी पुरे भारत में गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है? इसके बारे में जानने के लिए उपयोगी साबित लगती है, तो इस लेख को अपने दोस्तों तथा अन्य लोगों के साथ जितना हो सकें अधिक से अधिक शेयर करे. धन्यवाद.
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