Mahatma Gandhi Jayanti Kab Hai – Biography of Father of the Nation Mahatma Gandhi – इस लेख में आप महात्मा गांधी जयंती कब है? राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन परिचय के बारे में जानेंगे.
दोस्तों, गांधी जयंती पूरे देश में हर साल 2 अक्टूबर के रूप में मनाई जाती है. क्योंकि इस दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था. देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलते थे.
इतना ही नही उन्होंने अंग्रेजों का मुकाबला किया लेकिन बिना हथियार उठाए उन्हें झुका दिया. तभी से इस शुभ अवसर पर देश के विभिन्न शिक्षण संस्थान वाद-विवाद, भाषण और निबंध लेखन जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं.
ऐसे ही शुभ अवसर पर हम आपको इस लेख में बताएंगे कि Mahatma Gandhi Jayanti Kab Hai और साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन परिचय (Biography of Father of the Nation Mahatma Gandhi) के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, तो इस लेख के साथ अंत तक बने रहें –
महात्मा गांधी जयंती कब है? (When is Mahatma Gandhi Jayanti in Hindi)
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर गांव में हुआ था. उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था जिन्हें बाद में बापू के नाम से संबोधित किया. महात्मा गांधी जी ने कई बार सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर अंग्रेजों को घुटने टेकने पर मजबूर किया. यही वजह है कि पूरी दुनिया उन्हें सम्मान के साथ याद करती है. महात्मा गांधी के विचारों से न केवल युवा बल्कि नेता भी प्रेरणा लेते हैं. महात्मा गांधी के विचारों और कार्यों के कारण ही उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय पर्व का दर्जा दिया गया है.
Mahatma Gandhi के जन्म दिवस के अवसर पर इस वर्ष महात्मा गांधी जयंती 2 अक्टूबर 2023 दिन सोमवार को पूरे भारत देश में मनाई जाएगी. भारत के कई खूबसूरत सार्वजनिक त्योहारों में, गांधी जयंती शांति के एक अंतरराष्ट्रीय प्रतीक के रूप में सामने आती है. महात्मा गांधी को भारत और दुनिया भर में सादगी और समर्पण के साथ सादा जीवन जीने के सर्वोत्तम आदर्श के रूप में सराहा जाता है.
2 अक्टूबर को उनकी जयंती पर, गांधी जयंती मनाने के लिए पूरे भारत के लोग एक साथ इकट्ठा होते हैं, वे उनके चित्रों और मूर्तियों पर फूल चढ़ाते हैं, गीत गाते हैं, प्रार्थना करते हैं और मोमबत्तियां जलाते हैं. इस दिन सभी सरकारी कार्यालय, बैंक, डाकघर और स्कूल बंद रहते हैं.
राष्ट्रपिता Gandhi जी का जीवन परिचय
भारतीय इतिहास और राजनीति के महान नायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को देश हमेशा याद करता है. स्वतंत्रता संग्राम में अंत तक खड़े रहने और ब्रिटिश सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए यह देश हमेशा उनके अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प और कार्यान्वयन द्वारा निर्देशित किया गया है. महात्मा गांधी भारत के महानतम व्यक्तित्वों में से एक हैं, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में एक प्रहरी और मार्गदर्शक के रूप में भूमिका निभाई.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म-स्थान व प्रारंभिक जीवन
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था और उनकी माता का नाम पुतलीबाई था. उनके पिता ब्रिटिश शासन के दौरान पोरबंदर, राजकोट और बांकानेर के दीवान थे. महात्मा गांधी का असली नाम मोहनदास था और उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था.
जिसके कारण उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी पड़ा था, वह अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे थे. उनकी माता पुतलीबाई एक धार्मिक महिला थीं, जिसका गांधीजी के व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव पड़ा.
गांधीजी का पालन-पोषण वैष्णव माता के परिवार में हुआ था और उनका जीवन भारतीय जैन धर्म से बहुत प्रभावित था, जिसके कारण वे सत्य और अहिंसा में दृढ़ विश्वास रखते थे तभी भी तो वे जीवन भर सत्य और अहिंसा का पालन करते थे.
महात्मा गांधी का वैवाहिक जीवन (Married life of Mahatma Gandhi)
मोहनदास यानी महात्मा गांधी की शादी महज तेरह साल की उम्र में 1883 में कस्तूरबा माखन जी से हुई थी. गांधी जी ने अपने पत्नी का नाम छोटा करके कस्तूरबा रख लिया और बाद में लोग उन्हें प्यार से ‘बा’ कहकर बुलाते थे.
कस्तूरबा गांधी के पिता एक धनी व्यापारी थे, शादी से पहले कस्तूरबा गांधी अनपढ़ थीं, शादी के बाद गांधीजी ने उन्हें पढ़ना-लिखना सिखाया. कस्तूरबा गांधी एक आदर्श पत्नी थीं, जिन्होंने हर काम में गांधी जी का साथ दिया.
वर्ष 1885 में गांधी जी की पहली संतान का जन्म हुआ, लेकिन कुछ समय बाद उनकी मृत्यु हो गई और उसी वर्ष उनके पिता का भी निधन हो गया.
हालाँकि, इन कठिन परिस्थितियों में भी, गांधी ने हार नहीं मानी और 1887 में अहमदाबाद से हाई स्कूल की डिग्री प्राप्त की. और कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 1888 में उन्होंने कानून की पढ़ाई के लिए लंदन जाने का फैसला किया.
गांधीजी 4 सितंबर 1888 को इंग्लैंड के लिए रवाना हो गए. यहां आकर उन्होंने पढ़ाई को गंभीरता से लिया और मन लगाकर पढ़ाई करने लगे. इंग्लैंड में गांधी का प्रारंभिक जीवन समस्याओं से भरा था. अपने खान-पान और पहनावे को लेकर उन्हें कई बार शर्मिंदगी उठानी पड़ी, लेकिन उन्होंने किसी भी हाल में अपनी मां से किया वादा निभाया.
गांधीजी लंदन में लंदन वेजिटेरियन सोसाइटी में शामिल हो गए और इसके कार्यकारी सदस्य बन गए. यहां उनकी मुलाकात थियोसोफिकल सोसायटी के कुछ लोगों से हुई जिन्होंने गांधीजी को भगवद गीता पढ़ने के लिए दिया.
गांधीजी ने लंदन वेजिटेरियन सोसाइटी के सम्मेलनों में भाग लेना शुरू कर दिया और पत्रिका में लेख लिखना शुरू कर दिया. यहां तीन साल (1888-1891) रहकर अपनी बैरिस्टर की पढ़ाई पूरी की और 1891 में भारत लौट आए.
वर्ष 1893 में वे गुजराती व्यवसायी शेख अब्दुल्ला के वकील के रूप में काम करने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए. गांधी के अफ्रीका प्रवास ने उनके जीवन की दिशा बदल दी. तब करीब 23 साल के मोहनदास को शायद ही पता था कि वह अपने जीवन के अगले 21 साल दक्षिण अफ्रीका में बिताने वाले हैं.
मोहनदास यानि महात्मा गांधी रस्किन बॉन्ड और लियो टॉल्स्टॉय की शिक्षाओं से बहुत प्रभावित थे. वह जैन दार्शनिक राज चंद्र से भी प्रेरित थे, गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में टॉल्स्टॉय फार्म की भी स्थापना की.
लंदन में रहने के दौरान उन्होंने हिंदू धर्म, इस्लाम और ईसाई धर्म जैसे धर्मों का अध्ययन किया, उन्होंने विभिन्न धर्मों के प्रमुख बुद्धिजीवियों के साथ धार्मिक विषयों पर बहुत बातचीत की.
गांधी ने प्रवासी भारतीयों के अधिकारों और ब्रिटिश शासकों की रंगभेद नीति के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका में सफल आंदोलन किए. दक्षिण अफ्रीका में उनके सामाजिक कार्यों की गूंज भारत तक पहुंच चुकी थी.
1915 में जब वे हमेशा के लिए भारत लौटे, तो मुंबई (तब बॉम्बे) के कई प्रमुख कांग्रेसी नेता उनके स्वागत के लिए आए. इन नेताओं में गोपाल कृष्ण गोखले थे जिन्हें गांधी जी को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे.
गांधी की भारत वापसी में गोखले का महत्वपूर्ण योगदान था. भारत आने के बाद, गांधी ने मई 1915 में अहमदाबाद, गुजरात में सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की.
1917 में, उन्होंने बिहार के चंपारण से नील आंदोलन की शुरुआत के साथ भारत में पहली महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्रवाई की. गांधी ने नील की खेती करने वालों किसानो को दर्दनाक ब्रिटिश कानून से मुक्त कर दिया.
1917 में अहमदाबाद में हैजा के प्रकोप के कारण, उन्हें अपना आश्रम साबरमती ले जाना पड़ा, जहाँ यह अभी भी स्थित है। 1918 में उन्होंने खेड़ा के किसानों के आंदोलन का नेतृत्व किया.
1915 में गोखले की मृत्यु के बाद, कांग्रेस में सबसे बड़े नेता बाल गंगाधर तिलक थे, जब एक आंदोलन के दौरान लाठी चार्ज में 1920 में तिलक की मृत्यु हो गई उसके के बाद, गांधी कांग्रेस के सबसे बड़े नेता के रूप में उभरे.
गांधी ने 1919 में जलियांवाला बाग में हजारों निहत्थे भारतीयों के नरसंहार के विरोध में ब्रिटिश सरकार से प्राप्त इनाम-ओ-इकराम को वापस कर दिया. उन्होंने ब्रिटिश सरकार के रॉलेट एक्ट के खिलाफ “सविनय अवज्ञा आंदोलन” शुरू किया.
सितंबर 1924 में, गांधी ने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए 21 दिन का उपवास रखा, इस दौरान वे कांग्रेस के अध्यक्ष बने और उसमें आमूल-चूल परिवर्तन किए.
मार्च 1930 में, गांधी ने अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण यात्रा दांडी यात्रा शुरू की, जो “नमक सत्याग्रह” के नाम से विख्यात, गांधीजी की इस 200 मील लंबी यात्रा के बाद, उन्होंने नमक न बनाने के ब्रिटिश कानून को तोड़ा.
साइमन कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर, ब्रिटिश सरकार ने भारत की “स्वराज की मांग” पर विचार करने के लिए एक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया. गांधी ने भारत में संवैधानिक सुधारों पर चर्चा करने के लिए ब्रिटेन में गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया.
उसके बाद महात्मा गांधी ने 1942 में अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान किया. यह आंदोलन ब्रिटिश शासन के ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ.
भारत छोड़ो आंदोलन, आजाद हिंद फौज, नौसैनिक विद्रोह और द्वितीय विश्व युद्ध से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर अंग्रेजों का मनोबल टूट गया था.
जून 1947 में, ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड लुइस माउंटबेटन ने घोषणा की कि भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हो जाएगा. हालाँकि, स्वतंत्रता के साथ, देश भी भारत और पाकिस्तान नामक दो देशों में विभाजित हो गया था.
लेकिन महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को एक हिंदू कट्टरपंथी नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. 31 जनवरी, 1948 को (यमुना नदी के तट पर स्थित राजघाट) नई दिल्ली में बापू जी का अंतिम संस्कार किया गया था.
महात्मा गांधी जी के जीवन से जुड़े रोचक तथ्य
- यह तो सभी जानते हैं कि महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के रूप में संबोधित किया जाता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्हें यह उपाधि किसने दी थी? महात्मा गांधी को सबसे पहले सुभाष चंद्र बोस ने ‘राष्ट्रपिता’ कहकर संबोधित किया था. 4 जून 1944 को सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते समय महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ कहा गया.
- कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने गांधी को महात्मा की उपाधि दी.
- महान आविष्कारक अल्बर्ट आइंस्टीन बापू से बहुत प्रभावित थे, आइंस्टीन ने कहा था कि लोगों को विश्वास नहीं होगा कि ऐसा व्यक्ति कभी इस धरती पर आया था.
- गांधीजी स्कूल में अंग्रेजी के अच्छे छात्र थे, जबकि वे गणित में औसत और भूगोल में कमजोर थे, उनकी लिखावट बहुत सुंदर थी. उन्हें अपनी फोटो खिंचवाना बिल्कुल पसंद नहीं था.
- उन्हें 5 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था. पुरस्कार प्राप्त करने से पहले 1948 में उनकी हत्या कर दी गई थी. उनके अंतिम संस्कार में करीब दस लाख लोग साथ चल रहे थे और 15 लाख से ज्यादा लोग रास्ते में खड़े थे.
- महात्मा गांधी श्रवण कुमार की कहानी और हरिश्चंद्र के नाटक से काफी प्रभावित थे, उन्हें राम के नाम से इतना प्यार था कि उनकी मृत्यु के अंतिम क्षण में भी उनका अंतिम शब्द “राम” था.
- साल 1930 में उन्हें अमेरिका की टाइम मैगजीन ने मैन ऑफ द ईयर के खिताब से नवाजा था. 1934 में, भागलपुर में भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए, उन्होंने अपने ऑटोग्राफ के लिए प्रत्येक को पांच रुपये की राशि ली.
- 15 अगस्त 1947 को जब भारत को आजादी मिली तब महात्मा गांधी इस उत्सव में नहीं थे. तब वह दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर बंगाल के नोआखली में थे, जहां वह हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए उपवास कर रहे थे.
- जिस देश के खिलाफ उन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, उसी देश ग्रेट ब्रिटेन ने उनकी मृत्यु के 21 साल बाद उनके सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया.
गांधी जयंती पर 10 लाइन निबंध (10 Line Essay on Gandhi Jayanti)
- महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर जिले में हुआ था. इसलिए महात्मा गांधी के जन्मदिन के अवसर पर हर साल 2 अक्टूबर को पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ गांधी जयंती मनाते हैं.
- गांधी जी जाति से वैष्णव परिवार से थे, जहां उनके परदादा रजवाड़ा परिवार में दीवान के रूप में काम करते थे.
- गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, और उनके माता का नाम पुतलीबाई था.
- महात्मा गांधी का विवाह 13 वर्ष की आयु में कस्तूरबा गांधी से कर दिया गया था.
- भारत से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, महात्मा गांधी बैरिस्टर के रूप में अध्ययन करने के लिए लंदन चले गए.
- महात्मा गांधी एक बैरिस्टर के रूप में अध्ययन करने के बाद दक्षिण अफ्रीका गए जहां उन्होंने रंगभेद के खिलाफ आवाज उठाई और दक्षिण अफ्रीका के लोगों के लिए आंदोलन किया. महात्मा गांधी साल के अंत में 9 जून 1915 को दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे.
- 1920 में, उन्होंने असहयोग आंदोलन और 1922 में सविनय अवज्ञा आंदोलन के साथ पूरे भारत में सत्य और अहिंसा का एक बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू किया.
- महात्मा गांधी ने अपने पूरे जीवन में आठ महत्वपूर्ण आंदोलन किए थे, जिसके परिणामस्वरूप 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ.
- अतुलनीय कार्य नेतृत्व और जीविका प्रक्रिया के साथ किए गए कार्यों के बाद महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता घोषित किया गया था.
- गांधी जयंती के अवसर पर पर्तिवर्ष अलग-अलग समारोह आयोजित किए जाते हैं और महात्मा गांधी को सत्य और अहिंसा का मार्ग स्पष्ट रूप से लोगों के सामने पेश करने का प्रयास किया जाता है.
महात्मा गांधी जयंती उद्धरण और शुभकामनाएं (Mahatma Gandhi Jayanti Quotes & Wishes)
रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम
सीता राम सीता राम, भज प्यारे तू सीताराम
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, साब को सन्मति दे भगवान
गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं – Happy Gandhi Jayanti
सत्य और अहिंसा था जिसका नारा
वह महात्मा था प्यारा, बापू हमारा
गांधी जयंती की शुभकामनाएं – Happy Gandhi Jayanti
सिर्फ एक सत्य, एक अहिंसा
दो हैं जिनके हथियार, उन हथियारों से ही तो
कर दिया हिंदुस्तान आजाद
ऐसे अमर आत्मा को करो मिलके सलाम
बापू की जयंती पर सुन ले दुनिया ये संदेश
महात्मा के मार्ग से ही दूर होगा सारा क्लेश
आओ बापू के पथ पर चलने की खाएं कसम
देना पड़े चाहे कितना भी बलिदान, न भटकेंगे हम
ईश्वर अल्लाह तेरे नाम, सब को सन्मति दे भगवान
2 अक्टूबर गांधी जयंती की शुभकामनाएं – Happy Gandhi Jayanti
गांधी द्वारा गाए गए भजन (Bhajans sung by Gandhi)
Raghupati Raghav Raja Ram
रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम
सीता राम सीता राम, भज प्यारे तू सीता राम
रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम…
ईश्वर अल्लाह तेरे नाम, सबको सन्मति दे भगवान
रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम…
रात को निंदिया दिन को काम, कभी भजोगे प्रभु का नाम
करते रहिये अपने काम, लेते रहिये हरि का नाम
रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम…
Gandhiji Bhajan Sabarmati Ke Sant
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल…
आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल…
धरती पे लड़ी तूने अजब ढब की लड़ाई
दागी न कहीं तोप न बंदूक चलाई
दुश्मन के किले पर भी न की तूने चढ़ाई
वाह रे फकीर खूब करामात दिखाई
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल…
चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल…
शतरंज बिछा कर यहां बैठा था ज़माना
लगता था कि मुश्किल है फिरंगी को हराना
टक्कर थी बड़े ज़ोर की दुश्मन भी था दाना
पर तू भी था बापू बड़ा उस्ताद पुराना
मारा वो कस के दांव कि उल्टी सभी की चाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल…
जब जब तेरा बिगुल बजा जवान चल दिए
मजदूर चल पड़े थे और किसान चल पड़े
हिन्दू व मुसलमान सिख पठान चल दिए
कदमों पे तेरे कोटि कोटि प्राण चल पड़े
फूलों की सेज छोड़ के दौड़े जवाहरलाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल…
मन में थी अहिंसा की लगन तन पे लंगोटी
लाखों में घूमता था लिये सत्य की सोंटी
वैसे तो देखने में थी हस्ती तेरी छोटी
लेकिन तुझे झुकती थी हिमालय की भी चोटी
दुनियां में तू बेजोड़ था इंसान बेमिसाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल….
जग में कोई जिया है तो बापू तू ही जिया
तूने वतन की राह में सबकुछ लुटा दिया
मांगा न कोई तख्त न तो ताज ही लिया
अमृत दिया सभी को मगर खुद ज़हर पिया
जिस दिन तेरी चिता जली रोया था महाकाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल…
Mahatma Gandhi Jayanti FAQs
Question – महात्मा गांधी जयंती कब है?
Answer – 2 अक्टूबर को प्रतिवर्ष Mahatma Gandhi Jayanti मनाई जाती है.
Question – गांधी जयंती क्यों मनाई जाती है?
Answer – महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के मार्ग को स्पष्ट रूप से दर्शाने के लिए गांधी जयंती मनाई जाती है.
Question – महात्मा गांधी को महात्मा की उपाधि किसने दी थी?
Answer – महात्मा गांधी को महान लेखक रवींद्र नाथ टैगोर ने महात्मा की उपाधि दी थी.
Question – महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि किसने दी थी?
Answer – सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि दी थी.
Question – महात्मा गांधी का जन्म कब और कहां हुआ था?
Answer – महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था.
Question – महात्मा गांधी जी का पूरा नाम क्या था?
Answer – महात्मा गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था और उनकी माता का नाम पुतलीबाई था.
Question – भारत को महात्मा गांधी ने आजादी कब दिलाई थी?
Answer – 15 अगस्त 1947 को भारत देश अंग्रेजो से आजाद हुआ था.
Question – महात्मा गांधी को गोली किसने मारी थी?
Answer – एक हिंदू कट्टरपंथी नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को गोली मारकर हत्या कर दी थी.
Question – महात्मा गांधी का निधन कब हुआ था?
Answer – महात्मा गांधी का निधन 30 जनवरी 1948 को हुआ और 31 जनवरी, 1948 को (यमुना नदी के तट पर स्थित राजघाट) नई दिल्ली में बापू जी का अंतिम संस्कार किया गया था.
Question – वर्ष 1930 में महात्मा गांधी को कौन सी उपाधि से सम्मानित किया गया था?
Answer – साल 1930 में महात्मा गांधी को अमेरिका की टाइम मैगजीन ने “मैन ऑफ द ईयर” के खिताब से नवाजा था.
Question – राष्ट्रपिता के रूप में कौन प्रसिद्ध है?
Answer – मोहनदास करमचंद गांधी को भारत में ‘राष्ट्रपिता’ के रूप में जाना जाता है.
Question – महात्मा गांधी का पहला आंदोलन कौन सा था?
Answer – चंपारण आंदोलन भारत का पहला सविनय अवज्ञा आंदोलन था जो 1917 में बिहार के चंपारण जिले में महात्मा गांधी के नेतृत्व में शुरू हुआ था.
निष्कर्ष
दोस्तों इस लेख में Mahatma Gandhi Jayanti Kab Hai – Biography of Father of the Nation Mahatma Gandhi से जुडी जानकारी बताई है. जो इस प्रकार है –
- महात्मा गांधी जयंती कब है?
- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन परिचय
- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म-स्थान व प्रारंभिक जीवन
- Mahatma Gandhi का वैवाहिक जीवन
- महात्मा गांधी जी के जीवन से जुड़े रोचक तथ्य
- गांधी जयंती पर 10 लाइन निबंध
- महात्मा गांधी जयंती उद्धरण और शुभकामनाएं
- गांधी द्वारा गाए गए भजन
- Raghupati Raghav Raja Ram
- Gandhiji Bhajan Sabarmati Ke Sant
- Mahatma Gandhi Jayanti FAQs
दोस्तों इस लेख में मैंने Mahatma Gandhi Jayanti Kab Hai – Biography of Father of the Nation Mahatma Gandhi इससे संबंधित जानकारी बताई है. मुझे उम्मीद है की आपको महात्मा गांधी जयंती से जुडी यह जानकारी पसंद आई होगी.
अगर आपको महात्मा गांधी जयंती कब है – राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन परिचय से जुडी यह जानकारी महात्मा गांधी के बारे में जानने लिए उपयोगी लगती है, तो इस लेख को अपने दोस्तों तथा अन्य लोगो के साथ जितना हो सकें अधिक से अधिक शेयर करे. धन्यवाद.
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