Rohit’s Struggle Life – Read A True Story | रोहित का संघर्षमय जीवन – पढ़िए एक सच्ची कहानी हिंदी में – नमस्कार दोस्तों, इस लेख में हम आपको एक सच्ची कहानी से रूबरू करवाने जा रहे हैं. यह कहानी रोहित नाम के एक लड़के की है. जिसने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना किया है. तो चलिए आपको ले चलते हैं उस कहानी पर..
रोहित का संघर्षमय जीवन – पढ़िए एक सच्ची कहानी (Rohit’s struggle life – read a true story) यहां जानिए रोहित की संघर्ष भरी जिंदगी की कहानी (The Real Story in Hindi)
रोहित का संघर्षमय जीवन (Rohit’s Struggle Life)
ROHIT’s Struggling Life – दोस्तों एक गाँव में रोहित नाम का एक लड़का रहता था. वह अपने माता-पिता तथा भाई-बहनों के साथ रहता था. रोहित परिवार में सबसे छोटा था. और वह एक साधारण परिवार से था.
और रोहित के परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी, इसलिए रोहित के माता-पिता मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का गुजारा करते थे. रोहित इस बात को बखूबी समझता था. उस वक्त रोहित की उम्र करीब 13 साल थी. यानी वह सातवीं कक्षा में पढ़ रहा था.
जैसे-तैसे रोहित ने सातवीं कक्षा की परीक्षा देकर सातवीं कक्षा पास कर ली सातवीं कक्षा के बाद, रोहित ने स्कूल की छुट्टियों के दिनों में छोटे-मोटे काम करना शुरू कर दिया. ताकि वह अपनी आगे की पढ़ाई का पूरा खर्च स्वयं ही उठा सके. लगभग दो महीनों की छुट्टियों के दिनों में रोहित ने थोडा-बहुत पैसा इकट्ठा किया और उन पैसे को अपनी आगे की पढ़ाई में लगाया.
जब रोहित आठवीं कक्षा में पढ़ रहा था, तब उसकी बड़ी बहन की शादी हो गई और वह अपने घर चली गई. बड़ी बहन की शादी के बाद, उसका बड़ा भाई एक कंपनी में काम करने के लिए अपने गाँव से दूर-,दुसरे शहर चला गया.
जिसके बाद रोहित अपने माता-पिता के साथ रहता था. और घर के कामों में उनकी मदद करता था और पैसे इकट्ठा करने के साथ-साथ अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए काम करता था.
रोहित अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कड़ी मेहनत के साथ स्वयं ही पैसे कमाने लगा. और जैसे-तैसे रोहित ने नौवीं कक्षा उत्तीर्ण कर ली और दसवीं कक्षा में जाने के बाद रोहित का पढ़ाई में मन नहीं लगता था. क्योंकि रोहित को पैसा कमाने की लत जो लग चुकी थी.
और जैसे-जैसे रोहित की दसवीं कक्षा की परीक्षाएँ नज़दीक आती जा रही थीं, वैसे-वैसे रोहित की घबराहट बढ़ती जा रही थी. घबराहट और पैसे कमाने के लत के वजह से रोहित परीक्षा की तैयारी सही तरह से नहीं कर पा रहा था.
और इधर परीक्षा शुरू हुई. और रोहित ने सभी पेपर दिए. लेकिन परीक्षा की तैयारी ठीक से नहीं कर पाने के कारण उसे यकीन नहीं था कि वह परीक्षा पास कर लेगा. और ऐसा ही हुआ. दो महीने बाद जब दसवीं कक्षा के परिणाम घोषित हुए, तो रोहित एक पेपर में फेल हो गया था. और यह देखकर रोहित टूट सा गया.
मैथ्स विषय में कमजोर होने के कारण रोहित मैथ्स विषय में फेल हो गया और फेल होने के कारण वह काफी नर्वस हो गया. हालाँकि रोहित ने हार नहीं मानी और फिर से मैथ्स विषय को पास करने की तैयारी शुरू कर दी. और साथ ही मैथ्स पेपर पास करने के लिए फॉर्म भी डाल दिया.
क्योंकि इस बार रोहित ने ठान लिया था कि किसी भी तरह मैथ्स पेपर को पास करना ही होगा. इसलिए रोहित ने मैथ्स की पढाई पर ध्यान केंद्रित कर परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी. और फिर परीक्षा का समय भी नजदीक आया. और वह दिन भी आ गया जब रोहित ने मैथ्स पेपर की परीक्षा दी.
परीक्षाएं हो जाने के पश्चात छुट्टियों के दिनों में रोहित काम पर जाने लगा. और साथ ही परीक्षा के परिणाम की प्रतीक्षा करने लगा. जब दो महीने बाद दसवीं कक्षा के परिणाम घोषित किए गए तब उसके दोस्तों ने रोहित को बताया कि वह पास हो गया है.
लेकिन रोहित को इस बात पर जरा भी विश्वास नहीं हो रहा था. इसलिए रोहित ने स्कूल में खुद जाकर जाँच की तो देखा कि उसे मैथ्स में सबसे ज्यादा अंक मिले हैं.
यह देखकर रोहित बहुत खुश हुआ और वह मिठाई लेकर घर पर आया. और घर में पास हो जाने के ख़ुशी में सबको मिठाई बाठी. और साथ ही दसवी कक्षा पास हो जाने के बाद रोहित ने “आईटीआई” में फॉर्म डाला और उसका नंबर “आईटीआई” में लग भी गया.
लेकिन रोहित के दोस्तों ने रोहित को बताया कि “आईटीआई” कोर्स बहुत ही हार्ड होता है. और “आईटीआई” पास करना सबके बस की बात नहीं है. यह सुनकर रोहित काफी डर सा गया और उसने “आईटीआई” कोर्स करने का अपना फैसला बदल दिया और ग्यारवी क्लास में एड्मिसन ले लिया.
और रोहित ने ग्यारवी कक्षा पूरी करने के पश्चात छुट्टियों के दिनों में रोहित ने कंप्यूटर कोर्स की पढ़ाई पूरी की. और साथ ही बारहवीं कक्षा की पढाई शुरू कर दी. क्योंकि रोहित को 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करनी थी.
इसलिए रोहित ने बारहवीं में मन लगाकर पढाई की थी. और बारहवीं कक्षा की परीक्षा पास की. उसके बाद रोहित ने बीए 1st में एडमिशन लिया और साथ ही नौकरी की तलाश भी करने लगा.
और कुछ दिनों बाद रोहित को कंप्यूटर बेसिक पर एक अच्छे ऑफिस में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी मिल गई. नौकरी मिलते ही रोहित ने पढ़ाई छोड़ दी और नौकरी पर ध्यान देने लगा.
जैसे-जैसे रोहित ने ऑफिस में काम करना जारी रखा, रोहित की सैलरी बढ़ती गई. और वह अपने घर की देखभाल करते हुए घर की जरूरतों को पूरा करता चला गया. रोहित इस काम से बहुत खुश था. और इस तरह रोहित को काम करते हुए पांच साल हो गए थे.
लेकिन एक दिन अचानक रोहित को उसके बचपन के एक दोस्त का फोन आया और उसने रोहित से कहा कि उसकी एक कंपनी में बहुत अच्छी नौकरी है. लेकिन पहले बीस हजार उस कंपनी में जमा कराने होंगे. तभी आपको कंपनी में अच्छी नौकरी के साथ पच्चीस हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा. यह सुनकर रोहित के मन में लालसा पैदा हुई. (कहते है ना, लालच एक बुरी बला है)
रोहित को अपने दोस्त पर इतना विश्वास था कि उसके कहने पर रोहित ने अपनी पाँच साल की नौकरी छोड़ दी. और वह अपने दोस्त के साथ बीस हज़ार रुपयों के साथ उस कंपनी में चला गया.
हालांकि रोहित ने वह पैसे मेहनत से कमाये थे. लेकिन रोहित ने अपने दोस्त के कहने पर वे पैसे कंपनी में जाकर जमा करवा दिए. लेकिन कुछ दिनों बाद रोहित को पता चला कि कंपनी किसी को कोई सैलरी नहीं देती है. और यह कंपनी ही फ्रॉड है. ऐसे फ्रॉड कंपनी के कारण कही लडको की ज़िन्दगी बर्बाद हुई है, ये सुनकर रोहित को बहुत बड़ा सदमा लगा.
क्योंकि रोहित को अपने बचपन के दोस्त पर इतना भरोसा था कि रोहित ने अपने दोस्त के कहने पर उस कंपनी में पैसे जमा करा दिए थे. जब रोहित को उस कंपनी के बारे में पता चला कि यह कंपनी किसी को किसी भी तरह की सैलरी नहीं देती है. और यह कंपनी फ्रॉड है, तो रोहित का अपने दोस्त पर से भरोसा ही टूट जाता है. और रोहित खुद को कोसते हुए घर वापस आ जाता है.
फिर अगले दिन जब रोहित अपने पुराने ऑफिस में नौकरी के लिए जाता है. लेकिन उसकी जगह कोई दूसरा लड़का काम कर रहा होता है. उसे देखते ही रोहित ऑफिस से बिना कुछ कहे घर लौट आता है.
लेकिन उसके बाद रोहित नई नौकरी की तलाश में लग जाता है, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी रोहित को कहीं नौकरी नहीं मिलती है. तब रोहित को लगता है कि अगर मेरे बचपन के दोस्त ने मुझे उस धोखेबाज कंपनी में झूठ बोलकर नहीं फंसाया होता. तो आज मेरे पास अच्छी नौकरी होती. और मुझे ऐसे किसी नौकरी के लिए भटकना नहीं पड़ता.
यह कहते हुए रोहित काफी नर्वस हो जाता है. और अपने जीवन में आगे बढ़ने की कोशिश करता है. लेकिन रोहित के बुरे दिनों की वजह से उसे नौकरी नहीं मिलने के कारण रोहित को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
इसलिए मै आप सभी से कहना चाहूँगा की कोई भी फ्रॉड कंपनी से बचे और किसी भी कंपनी में जाने से पाहिले उस कंपनी की पूरी जाँच परताल कर ले. और फ्रॉड कंपनी से सतर्क रहे.
क्योंकि रोहित के साथ जो हुआ, वैसा मैं नहीं चाहता कि आप लोग भी किसी फ्रॉड कंपनी के शिकार बने. इसलिए किसी भी कंपनी में जाने से पहले उस कंपनी के बारे में पूरी जानकारी ले लें.
दोस्तों एक मशवरा देना चाहूंगा, ध्यान से पढिये और समझियेगा. दोस्तों, (मतलब की ये दुनिया है कोण किसका होता है, वही देते है धोका जिस पर ज्यादा भरोसा होता है)
दोस्तों, इस लेख में मैंने, रोहित के संघर्षमय जीवन एक सच्ची कहानी (A True Story of Rohit’s Struggle Life) पेश की है. मुझे उम्मीद है कि आपको रोहित के संघर्षमय जीवन की यह सच्ची कहानी (Rohit’s Struggle Life) पसंद आई होगी.
अगर आपको रोहित के संघर्षमय जीवन की सच्ची कहानी पसंद आई हो, तो इस कहानी को अपने दोस्तों तथा अन्य लोगों के साथ जितना हो सके अधिक से अधिक शेयर करें. धन्यवाद.
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