Vishwakarma Jayanti Kyu Manai Jati Hai – When is Vishwakarma Jayanti 2024 – दोस्तों शास्त्रों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा का जन्म भादो महीने में हुआ था. हर साल की तरह इस साल 16 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. इसी तरह इस साल आने वाले सितंबर के 16वें दिन सोमवार को भगवान विश्वकर्मा का जन्मदिन मनाया जाएगा.
Lord Vishwakarma को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है. तभी तो तकनीकी जगत के भगवान विश्वकर्मा जी का पर्व हर वर्ष कन्या संक्रांति के दिन मनाया जाता है.
अगर आप भी अपने घर में सुख-समृद्धि लाना चाहते हैं. तो आप विश्वकर्मा जी का पर्व अपने घर में जरूर मनाएं, तो चलिए विश्वकर्मा जयंती क्यों मनाई जाती है? (Vishwakarma Jayanti Kyu Manai Jati Hai) और इसे कैसे मनाया जाता है इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं, तो बने रहें इस लेख के साथ –
विश्वकर्मा जयंती क्यों मनाई जाती है? (Why Vishwakarma Jayanti is Celebrated in Hindi)
क्या आप जानते हैं विश्वकर्मा जयंती कब और क्यों मनाई जाती है? अगर नहीं तो हम आपको बता दे कि विश्वकर्मा जयंती हर साल 16 सितंबर को मनाई जाती है. उसी प्रकार इस वर्ष भी सितंबर के 16वें दिन सोमवार को भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाएगी. मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि स्वर्ग के राजा इंद्र के अस्त्र वज्र की रचना विश्वकर्मा जी ने की थी.
वही विश्वकर्मा जी ने सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा जी की सहायता की थी, जिसमें संसार को बनाने के लिए रूपरेखा और मानचित्र तैयार किया गया था. इतना ही नहीं, आपको जानकर हैरानी होगी कि ओडिशा में स्थित भगवान जगन्नाथ के साथ बलभद्र और सुभद्रा की मूर्ति का निर्माण भी विश्वकर्मा जी ने किया था.
इसके अलावा विश्वकर्मा ने माता पार्वती के कहने पर ही सोने की लंका का निर्माण कराया था. जब रावण ने सीता का हरण किया तो हनुमान जी ने सोने की लंका जला दी. जिससे रावण ने फिर विश्वकर्मा जी को बुलाकर लंका का पूरा निर्माण करवाया. साथ ही बाल गोपाल नंदा के लाल श्री कृष्ण के आदेश पर विश्वकर्मा ने द्वारका नगर का निर्माण कराया था.
हिंदू मान्यता के अनुसार प्राचीन काल में भगवान विश्वकर्मा ने देवताओं के महलों और हथियारों का निर्माण कराया था. इसलिए उन्हें सृष्टि का देवता कहा जाता है.
क्योंकि विश्वकर्मा ने भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी और भगवान शिव के त्रिशूल, पांडवों के इंद्रप्रस्थ, इंद्र देव के वज्र, भगवान विश्वकर्मा द्वारा बनाई गई सोने की लंका, इसलिए लोग इसी श्रद्धा से किसी भी कार्य की रचना और निर्माण के साथ लोग भगवान विश्वकर्मा जी के जयंती पर कारख़ाने, कार्यालयों तथा मशीनों की पूजा करते हैं.
Vishwakarma जयंती की पूजा कैसे करें?
जो भक्त सरदालु विश्वकर्मा जयंती की पूजा करना चाहते हैं, वे भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें, उसके बाद ही आप उनकी पूजा करें. मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने देवताओं के हथियार, महल तथा आभूषण आदि बनाने का काम किया था.
इसलिए, कारखानों और कार्यालयों में स्थापित मशीनों की पूजा भगवान विश्वकर्मा की पूजा के दिन की जाती है. जिससे जातक व्यापार में अधिक उन्नति कर सकता है.
पूजा विधि
यदि आप भगवान विश्वकर्मा की पूजा करना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले अक्षत यानी चावल, फूल, मिठाई, फल रोली, सुपारी, धूप, दीपक, रक्षा सूत्र, मेज, दही और भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर आदि की व्यवस्था करनी चाहिए.
सभी सामग्री उपलब्ध कराने के बाद अष्टदल की बनी रंगोली पर सतनाज बना लें. इसके बाद विश्वकर्मा जी की मूर्ति की पूरी श्रद्धा और आस्था से पूजा कर उन पर पुष्प चढ़ाएं. और अपने मन की आत्मा से विश्वकर्मा जी से जो भी मन्नत मांगना चाहते है, वे आप मांग सकते है.
विश्वकर्मा पूजा मंत्र (Vishwakarma Puja Mantra)
मंत्र: ओम आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:
विश्वकर्मा जी की आरती (Vishwakarma Aarti)
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा प्रभुजी ।
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा प्रभुजी
आदि सृष्टि मे विधि को, श्रुति उपदेश दिया ।
जीव मात्र का जग में, ज्ञान विकास किया ॥
ऋषि अंगीरा तप से, शांति नहीं पाई ।
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा प्रभुजी
रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना ।
संकट मोचन बनकर, दूर दुःखा कीना ॥
जब रथकार दंपति, तुम्हारी टेर करी ।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत सगरी हरी ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा प्रभुजी
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे ।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप साजे ॥
ध्यान धरे तब पद का, सकल सिद्धि आवे ।
मन द्विविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा प्रभुजी
श्री विश्वकर्मा की आरती, जो कोई गावे ।
भजत गजानांद स्वामी, सुख संपति पावे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा प्रभुजी ।
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा प्रभुजी
Significance of Vishwakarma Puja
हिंदू मान्यता के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि विश्वकर्मा की पूजा करने वाले को किसी प्रकार की कोई कमी नहीं होती है. भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यक्ति के व्यवसाय में वृद्धि होती है और उसकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं.
विश्वकर्मा जयंती 16 सितंबर को ही क्यों मनाई जाती है?
कहा जाता है कि विश्वकर्मा पूजा या विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Jayanti) को लेकर हमारे हिंदू धर्म में कई मान्यताएं हैं. मान्यता के अनुसार आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था.
जबकि एक अन्य मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा का जन्म भाद्र मास की अंतिम तिथि को हुआ था. इसलिए एक अलग मान्यता के अनुसार सूर्य गोचर के आधार पर विश्वकर्मा पूजा का निर्णय लिया गया, जिसके कारण हर साल 16 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा की जाती है.
Vishwakarma Jayanti किन राज्यों में मनाई जाती है?
विश्वकर्मा जयंती का पर्व कई बड़े राज्यों में मनाया जाता है, जिसमें दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक आदि राज्यों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. लोगों का मानना है कि अगर कारखानों, कार्यालय, मशीनों का व्यवसाय करने वाले लोग विश्वकर्मा जी की सच्चे मन से पूजा करते हैं तो उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है. इसलिए अधिकतर भारत के राज्यों में विश्वकर्मा जी की पूजा अधिक प्रचलित है.
FAQs
Question – विश्वकर्मा जयंती कब मनाई जाती है?
Answer – Vishwakarma Jayanti प्रतिवर्ष 16 सितंबर को मनाई जाती है.
Question – विश्वकर्मा के प्रकार कितने होते है?
Answer – मिस्त्री, लोहार , कुंभार, सोनार और मूर्तिकार आदि विश्वकर्मा के प्रकार में आमतौर पर शामिल है.
Question – भगवान विश्वकर्मा का जन्म कब हुआ था?
Answer – धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा का जन्म 17 सितंबर को ही हुआ था, इसीलिए 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के रूप में मनाया जाता है.
Question – ब्रह्माजी के सातवें धर्मपुत्र कौन है?
Answer – शास्त्रों के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ब्रह्मांड के निर्माता ब्रह्मा के सातवें धर्म पुत्र हैं, इसलिए उन्हें ब्रह्मपुत्र के रूप में भी पूजा जाता है.
Question – विश्वकर्मा पूजा से क्या होता है?
Answer – भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यक्ति में नई ऊर्जा का संचार होता है और आने वाली सभी परेशानियां और बाधाएं दूर होती हैं.
Question – विश्वकर्मा कौन थे?
Answer – हिंदू धर्म के अनुसार विश्वकर्मा को सृष्टि और सृजन का देवता माना जाता है. वे वास्तुदेव के पुत्र और माता अंगिरसी के पुत्र थे, ऐसा माना जाता है कि उसने सोने की लंका, कृष्ण की द्वारका नगरी और भगवान शिव के त्रिशूल, पांडवों के इंद्रप्रस्थ, इंद्र देव के वज्र, भी बनाई थी. पौराणिक काल में भगवान विश्वकर्मा विशाल भवनों का निर्माण किया करते थे.
निष्कर्ष
दोस्तों इस लेख में Vishwakarma Jayanti Kyu Manai Jati Hai – When is Vishwakarma Jayanti इससे जुडी जानकारी बताई है. जो इस प्रकार है –
- विश्वकर्मा जयंती क्यों मनाई जाती है?
- Vishwakarma Jayanti की पूजा कैसे करें
- विश्वकर्मा पूजा विधि
- Vishwakarma पूजा मंत्र
- विश्वकर्मा जी की आरती
- Significance of Vishwakarma Puja
- विश्वकर्मा जयंती हर साल 17 सितंबर को ही क्यों मनाई जाती है?
- Vishwakarma Jayanti किन राज्यों में मनाई जाती है?
- विश्वकर्मा जयंती से जुड़े FAQs
दोस्तों इस लेख में मैंने Vishwakarma Jayanti Kyu Manai Jati Hai – When is Vishwakarma Jayanti इससे संबंधित जानकारियों से परिचित कराया है. मुझे उम्मीद है की आपको यह जानकारी पसंद आई होगी.
अगर आपको यह जानकारी Vishwakarma Jayanti Kyu Manai Jati Hai इसके बारे में जानने के लिए उपयोगी लगती है, तो इस लेख जितना हो सकें अपने करीबी दोस्तों तथा अन्य लोगों को अधिक से अधिक शेयर करे. धन्यवाद.
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